प्रदेश से बाहर से आने वलों के लिये आदेश

घर लौटने के इच्छुक लोगों की सहायता करने के निर्देश
इंदौर के लिये प्रशासनिक अधिकारियों का दल गठित होगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की सम्पूर्ण प्रदेश की समीक्षा
 
मुख्यमंत्री श्री  Shivraj Singh Chouhan ने कहा है कि समाज के ऐसे वर्ग, खासकर ऐसे श्रमिक, जो कार्य के लिए अन्य स्थानों पर गए, विवश हैं और अब अपने घर लौटना चाहते हैं, उनकी सहायता के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। इसके लिए प्रत्येक जिले में एक अधिकारी को नामांकित कर यह दायित्व सौंपा जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पीपीई किट्स और  रोग  संक्रमण की जांच के लिए उपचार विधियों को पूरी क्षमता से उपयोग में लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हर हालत में सोशल डिस्टेन्सिंग का ध्यान रखा जाए।


बैठक में बताया गया कि ऐसे लोग जो  लॉक डाउन में कही फँस गए हैं,  उनकी पूरी मदद की जाएगी। इस संबंध में 104 और 181 नम्बर पर मदद के लिए फ़ोन किया जा सकता है। इसी तरह यदि प्रदेश के बाहर कही  लोग फँसे हैं तो 0755-2411180 पर फ़ोन कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उनकी पूरी मदद की जाएगी।  ये सभी राज्य कंट्रोल रूम, भोपाल के फोन नम्बर है।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का दल गठित कर इंदौर की स्थिति पर नजर रखने और बचाव के प्रयासों को अंजाम देने के लिए सक्रिय किया जाए।


 बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस  ने कहा कि नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा पूरे राज्य में पीपी किट्स और मास्क की आपूर्ति के प्रयास बहुत कम समय में किए गए हैं। इसी तरह, अन्य विभाग और एजेंसियां तत्परता का परिचय दें। बैठक में चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य विभागों के प्रमुख सचिवों ने अब तक संपन्न कार्यों और रोग से नागरिकों को बचाने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।


प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने बताया  कि इस रोग की जांच और इलाज के सभी कार्य जिलों में चल रहे हैं। संभागों तक थ्री लेयर मास्क पहुँचाए गए हैं। जिलों में 3 लाख से अधिक मास्क पहुंच गए हैं। यह कार्य निरंतर चलेगा। जनता को जागरुक करने के लिए आवश्यक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री संजय शुक्ला ने जानकारी दी कि राज्य में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।मेडिकल कालेज और बड़े निजी अस्पताल को अधिकृत कर उपचार का कार्य किया जा रहा है। इनमें अधिक क्षमता से कार्य होगा। अतिरिक्त रूप से आवश्यक बेड की व्यवस्था भी की जा रही है।